तुम आये, हमने देखा,
तुमने बोला, हमने सुना...
फिर क्या, मेरे साथी रह गया था !
हर वक्त, हर लम्हा,
हर सांस, हर साज़...
सब तुमसे और तुम्हारा हो गया था !
कुछ रातें, कुछ बातें,
कुछ अनकही सौगातें...
देनी हैं तुम्हे, जो बाकी रह गया था !
हम बेबस, हम पागल,
हम बेचैन,हम घायल...
सब हुए थे हम, और मन जज़्बाती रह गया था !
एक इकरार, एक इज़हार,
ज़िंदगी भर का इंतज़ार..
ही बाकी था "हमेशा", और अब भी बाकी रह गया था..!!
तुमने बोला, हमने सुना...
फिर क्या, मेरे साथी रह गया था !
हर वक्त, हर लम्हा,
हर सांस, हर साज़...
सब तुमसे और तुम्हारा हो गया था !
कुछ रातें, कुछ बातें,
कुछ अनकही सौगातें...
देनी हैं तुम्हे, जो बाकी रह गया था !
हम बेबस, हम पागल,
हम बेचैन,हम घायल...
सब हुए थे हम, और मन जज़्बाती रह गया था !
एक इकरार, एक इज़हार,
ज़िंदगी भर का इंतज़ार..
ही बाकी था "हमेशा", और अब भी बाकी रह गया था..!!
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