Tuesday 10 May 2016

आज बारिश है

आज बारिश है
सारे ख़्वाबों को भिगोने,
सारी हसरतों को इक धागे में पिरोने की साजिश है
आज बारिश है

बरस रहे हैं बादल कुछ बेरुखी से
पूछा भी नहीं इक बार जमीं से
बस कर ऐ बादल, जमीं की गुजारिश है..
आज बारिश है.

बहलाकर लाये हैं बादल पानी को साहिल से
जो बरसा है टूटकर दीवानी घटाओं से मिल के
अब फिर कभी आना , दीवानों की सिफारिश है

आज बारिश है

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