Wednesday 25 May 2016

आँखें

My favorite and first Swalekha Topic
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#आँखें.   

प्रेम की भाषा जटिल, समझ सकै ना कोय
मन पल पल विचलित करे, नैन देत हैं रोय

गिरत उठत दो नैनन की जोड़ी..
थोड़ी है लाज, बरबस है थोड़ी

बहोत है इंतज़ार, कब वो शाम आयेगी
दिल है बेकरार, आँखें क्या पैगाम लायेंगी

पैगाम ए मुहब्बत को हम वो मुकाम दे दें
खामोश रहें हम, आँखों आँखों में सलाम दे दें

नैन मिले या ना मिलें, मोहे पिया मिलें इक बार
जीवन जीना छोड़ दूँ, मैं मर जाऊँ सौ बार...

बेचैन हो रोती हैं, कहती कुछ ना, ना सोती हैं
जाने क्यों बात नहीं सुनती, अपनी ही ज्योति खोती हैं..

संभल कैसे जाऊँ, क्यों बात सुनूँ तेरी
देखा क्यों उसे, कहती हैं आँखें मेरी


नैनन से वार करूँ, कलम से कर दूँ हार
वाणी को विराम दे, निद्रा को दे द्वार.     ;)    ;p

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