Thursday 5 May 2016

बोलो ये कैसा हो

   तुमसे तुमको माँगा है
   बोलो ये कैसा हो,

रंग भरे अरमानों पर, 
कुछ गीत प्यार के सज जायें..
   उन रंगीले गीतों में भी, 
   कोई अफसाना तुम सा हो

अंजानी बातों से ही,
आने वाला कल पहचानें ...
हम आज जियें, हम आज मरें
फिर ना जाने कल कैसा हो..
   
 रुख़ मोड़ लिया जब दुनिया से,
     फिर तुम क्यूँ आये आगे..
अब सोच लिया हमने ऐसा,
कोई साथ हमारे तुम सा हो

 देखो तुम भी कुछ समझो तो !
  अपनी बंजारन धड़कन से..
वो बोल रही "तुम भाग रहे" 
ना कोई तुम्हारे जैसा हो...
  
तुम भी दे दो, ख़ुद को मुझको
   फिर कोई अफसाना हो वो,
जो दरिया साहिल जैसा हो..!!
  
तुमसे तुमको माँगा है,
अब बोलो ये कैसा हो..!!

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