Friday 30 September 2016

हाल

हवाओं से हम पूछ तो लें हाल तुम्हारा ..
डरते हैं.. बदले में क्या हम बता पायेंगे ?

चाहते हैं बाँट लेना हर गम तुम्हारा...
पर हम तुम्हें अपने गम ना दे पायेंगे

तुम रहो तुम्हारी दुनिया में..बेफिक्र होकर
हम बस याद कर तुम्हें बेचैन हो जायेंगे..

जाते-जाते...मुड़कर देखा ही क्यूँ था तुमने
तुम जानते थे...हम तुमको ना भूल पाएँगे...

हद-ए-वीरान तक फिरता था दिल आवारा...
अब पास है तुम्हारे.. वापस ना ला पायेंगे

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